दिल्ली : जुलाई 2019 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपना पहला बजट पेश करते हुए टैक्सपेयर्स के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन की लिमिट को 40 हजार से बढ़ाकर 50 हजार कर दिया था. उससे पहले बजट 2018 में तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 13 साल बाद फिर से इसे लागू किया था और इसकी लिमिट 40 हजार रुपए थी. उम्मीद की जा रही है कि सरकार इस बजट में स्टैंडर्ड डिडक्शन की लिमिट को बढ़ाएगी. स्टैंडर्ड डिडक्शन को लेकर एकबार अरुण जेटली ने कहा था कि सैलरीड इंडिविजुअल (76306 रुपए) औसतन नॉन-सैलरीड के मुकाबले (25753 रुपए) तीन गुना ज्यादा टैक्स भरता है.
मार्च 2020 से लोग घरों से काम कर रहे हैं. वर्क फ्रॉम होम अब नया वर्क कल्चर बन चुका है. ऐसे में बिजनेस इनकम और प्रफेशनल इनकम या सैलरी इनकम के बीच में डिफरेंस कर पाना मुश्किल होगा. सरकार इस बजट में कंजप्शन में तेजी लाने के लिए खर्च को बढ़ावा देने की कोशिश करेगी. इसके लिए जरूरी है कि वह टैक्सपेयर्स के हाथों में ज्यादा से ज्यादा पैसे डाल पाए. टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, उम्मीद की जा रही है कि स्टैंडर्ड डिडक्शन की लिमिट बढ़ाई जाएगी. स्टैंडर्ड डिडक्शन वह राशि होती है जो किसी की टैक्सेबल कमाई में घटाई जाती है.
इस साल स्टैंडर्ड डिडक्शन चुनौतीपूर्ण
इस साल स्टैंडर्ड डिडक्शन का मामला इसलिए चुनौतीपूर्ण है, क्योंकि EY ने जून 2019 में एक आर्टिकल छाप कर कहा था कि सैलरीड इंडिविजुअल के साथ टैक्स के नियम ज्यादा कठोर हैं. उनकी सैलरी से टीडीएस काट लिया जाता है. वहीं प्रफेशनल्स और बिजनेसमैन के साथ ऐसा नहीं होता है. वे हर महीने इसके लिए डिडक्शन क्लेम करते हैं. हालांकि वित्त मंत्रालय की तरफ से जारी सफाई में कहा गया कि फ्रीलांसर या कंसल्टेंट को ऑफिस स्टॉफ, ऑफिस किराए, फर्नीचर, इक्विपमेंट्स पर खर्च करने होते हैं. इसलिए उन्हें डिडक्शन का लाभ मिलता है. यह समस्या सैलरीड के साथ नहीं है. इसलिए यह कहना गलत होगा कि इंडिविजुअल टैक्सपेयर्स के साथ किसी तरह का अन्याय हो रहा है. सैलरीड इंडिविजुअल के मामलों में ये सारे खर्च ऑफिस के होते हैं.
क्या फर्नीचर, इलेक्ट्रॉनिक खरीदारी पर छूट देगी सरकार
कोरोना के कारण अभी लोग घरों से काम कर रहे हैं. ऐसे में घर को ही लोगों ने ऑफिस बना लिया है. काम करने के लिए घर के भीतर छोटा सा ऑफिस रूम, लैपटॉप, सिस्टम, इंटरनेट, दूसरे इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स और फर्नीचर में उन्होंने निवेश किया है. ऐसे में क्या सरकार स्टैंडर्ड डिडक्शन की लिमिट को बढ़ाएगी, यह बड़ा सवाल है. डेनमार्क और साउथ कोरिया जैसे देश सैलरीड इंडिविजुअल के लिए इस तरह के खर्च पर डिडक्शन का लाभ दे रहे हैं. ऐसे में इस बजट में यह देखना होगा कि वित्त मंत्री किस तरह टैक्सपेयर्स को स्टैंडर्ड डिडक्शन और presumptive tax का लाभ देंगी. अभी दोनों तरह के लोग घरों से काम कर रहे हैं.